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नकारात्मक शक्तियाँ Negative Energy THIRD EYE VISION

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समस्या है तो समाधान भी है (Facebook Post (Square)) (26)

(Temple Of Divine Mysteries) {Bhoot Prat Vigyan Anusandhan Kendra}

Healthy Stress Free Blissful Peaceful & Spiritual Life, Divine Secret Of Living Life

क्या कोई अनजानी ताकत आपको बर्बाद कर रही है?

क्या आपके जीवन में लगातार मुसीबतें आ रही हैं? क्या आपको लगता है कि कोई अदृश्य शक्ति आपको या आपके अपनों को नुकसान पहुंचा रही है, लेकिन आप समझ नहीं पा रहे कि ऐसा क्यों हो रहा है?

भूत, प्रेत, यक्ष, राक्षस, मोहिनी, मसान, बेताल, पितर, पिशाच, जिन्न, या अन्य कोई भी नकारात्मक ऊर्जा – ये सभी इतनी शक्तिशाली होती हैं कि आपको और आपके परिवार को धीरे-धीरे नष्ट कर सकती हैं, और आपको इसका अहसास भी नहीं होता।

अगर आप इनमें से कोई भी लक्षण महसूस कर रहे हैं, तो सावधान हो जाइए यह किसी नकारात्मक शक्ति का प्रभाव हो सकता है:

 

मानसिक अशांति और भय के लक्षण:

क्या आप बिना किसी कारण के डरे हुए रहते हैं, खासकर रात में या अकेले में?

क्या आपके घर में अजीब आवाजें सुनाई देती हैं – कदमों की आहट, खटखटाना, या फुसफुसाहट?

क्या घर का सामान अपने आप हिलता, गायब होता या टूटता है?

क्या आपको लगता है कि कोई आपका पीछा कर रहा है या आप पर नियंत्रण कर रहा है?

क्या आप अक्सर दुर्घटनाओं का शिकार होते हैं या उनका डर सताता है?

क्या आपको सपनों में साँप दिखते हैं या उनके काटने का डर लगता है?

क्या आपको घर में किसी अदृश्य शक्ति के होने का डर लगता है, या विचित्र परछाइयाँ दिखती हैं?

क्या आपके मन में बार-बार नकारात्मक विचार, चिंता, दुख, या आत्मविश्वास की कमी रहती है? क्या आत्महत्या के विचार आते हैं?

क्या आपको बार-बार बुरे सपने आते हैं, जिनमें मरे हुए लोग, श्मशान, या अजीब जीव दिखते हैं?

 

स्वास्थ्य और जीवन पर प्रभाव एवं शारीरिक लक्षण:

क्या आपकी बीमारी ठीक नहीं हो रही, भले ही डॉक्टर कुछ न बता पा रहे हों और दवाइयाँ भी काम न कर रही हों?

क्या आपको बिना किसी कारण के सरदर्द, चक्कर, आलस, घबराहट, बेचैनी, या शरीर में दर्द रहता है और शरीर हर वक्त भारी लगता है?

क्या आपको अचानक कमजोरी, थकान, या ऊर्जा की कमी महसूस होती है?

क्या आपको रात में नींद नहीं आती या बार-बार नींद टूट जाती है?

क्या आपके घर में कोई न कोई बारबार बीमार पड़ता रहता है, जबकि सभी रिपोर्ट सामान्य आती हैं?

 

असामान्य व्यवहारिक लक्षण:

क्या आपके स्वभाव में अचानक बदलाव आ गया है, जैसे चिड़चिड़ापन, गुस्सा, या उदासीनता?

क्या कोई व्यक्ति अचानक बिना कारण के चीखताचिल्लाता, हंसता-रोता है, या अजीब व्यवहार करता है?

क्या कोई व्यक्ति अचानक किसी और की तरह बोलने या व्यवहार करने लगता है, जैसे आवाज़ बदलना?

क्या कोई व्यक्ति कल्पना में ऐसे दृश्य देखता है और चिल्लाता है जैसे कोई सामने खड़ा हो?

 

वैवाहिक एवं पारिवारिक लक्षण:

क्या आपके विवाह में बाधाएं आ रही हैं, रिश्ते आते हैं लेकिन बात नहीं बनती?

क्या आपको संतान प्राप्ति में बाधा है, या बार-बार गर्भपात हो जाता है?

क्या पति-पत्नी के बीच अक्सर झगड़े रहते हैं और दांपत्य जीवन दुखों से भरा है?

क्या परिवार के सदस्यों के बीच बिना कारण तनाव या झगड़े होते हैं?

क्या सब कुछ होते हुए भी घर-परिवार में एक अज्ञात कमी महसूस होती है?

क्या बच्चे बाहर से आने पर थके, घबराए या परेशान दिखते हैं?

क्या बच्चे अक्सर बीमार रहते हैं, उनका मन पढ़ाई में नहीं लगता, या उनके काम बनतेबनते बिगड़ जाते हैं?

 

व्यवसायिक लक्षण:

क्या आपके व्यवसाय में बाधा है, और वांछित उन्नति नहीं हो रही?

क्या आपको आर्थिक समस्याएं, नौकरी में रुकावट, या जीवन में असामान्य बाधाएं आती हैं?

क्या आपको बार-बार नौकरी छोड़नी पड़ती है, व्यवसाय में घाटा होता है, या अचानक आर्थिक तंगी आ जाती है?

क्या आपको लगता है कि हर कार्य में रुकावट आती है और आप हर क्षेत्र में असफल हो रहे हैं?

 

आध्यात्मिक लक्षण:

क्या आप अपने आसपास किसी अदृश्य शक्ति या साये की उपस्थिति का अनुभव करते हैं?

क्या आपको रात में किसी के होने का आभास होता है या छूने की अनुभूति होती है?

क्या आपको पूजापाठ या धार्मिक स्थानों पर जाने में अरुचि या डर लगता है?

क्या दिन-रात पूजा-पाठ करने के बाद भी आपको संतोष नहीं मिलता?

क्या आपके शरीर से अजीब सी गंध आती है (जैसे मुर्दे के जलने की, नाली की, या सड़ी हुई सब्जी की) या अचानक सुगंध आती है (जैसे चंदन, गुलाब, धूपबत्ती की)?

क्या किसी स्त्री या पुरुष को पूरे शरीर में दर्द रहता है, आंखों में जलन होती है, वे बेहोश हो जाते हैं, रोते-चिल्लाते या कांपते हैं?

क्या कोई व्यक्ति नग्न होने से भी नहीं हिचकता, कमजोर होता जाता है, कटु शब्दों का प्रयोग करता है, गंदा रहता है, दुर्गंध आती है, उसे बहुत भूख लगती है, वह एकांत चाहता है और कभी-कभी रोने लगता है?

क्या किसी स्त्री या पुरुष के साथ सपने में या जागृत अवस्था में संभोग का अनुभव होता है, या शरीर में कभी भी स्पर्श या रेंगने का अहसास होता है?

 

 

अगर इनमें से कोई भी लक्षण आपके जीवन, घर या दुकान पर दिख रहे हैं, तो यह किसी नकारात्मक शक्ति का प्रभाव हो सकता है। इसे नज़रअंदाज़ न करें!

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अपने जीवन को इन नकारात्मक शक्तियों से मुक्त करें और सुखशांति की ओर लौटें। 

नकारात्मक ऊर्जा या आत्माओं के विभिन्न रूप और उनके प्रभाव

क्या आपने कभी सोचा है कि वे कौन सी अदृश्य शक्तियाँ हैं जो आपके जीवन को प्रभावित कर सकती हैं? भारतीय लोककथाओं और आध्यात्मिक परंपराओं में विभिन्न प्रकार की आत्माओं और नकारात्मक ऊर्जाओं का उल्लेख मिलता है, जिनके रूप और प्रभाव अलग-अलग होते हैं। आइए, कुछ प्रमुख रूपों को विस्तार से जानें:

1. भूत (Ghost/Spirit)

रूप: आमतौर पर इन्हें अदृश्य, धुंधली आकृति, मृत व्यक्ति के समान रूप, या छाया, सफेद कपड़े, या अजीब चेहरों के साथ देखा जाता है।

उत्पत्ति: भूत वे आत्माएं हैं जिनकी मृत्यु असामान्य तरीके से (जैसे हत्या, आत्महत्या, या आकस्मिक मृत्यु) हुई हो, या जिनका अंतिम संस्कार ठीक से न हुआ हो। माना जाता है कि अधूरी इच्छाएं या नाराजगी के कारण वे भटकते हैं।

प्रभाव: ये मनुष्यों को डराने, मानसिक या शारीरिक रूप से परेशान करने, या घर में अशांति पैदा करने के लिए जाने जाते हैं। कुछ मामलों में, वे अपने परिवार से संपर्क करने की कोशिश करते हैं।

लक्षण: रात में अजीब आवाजें (जैसे कदमों की आहट, फुसफुसाहट), ठंडी हवा, वस्तुओं का हिलना, बुरे सपने, या अचानक डर का अनुभव अक्सर भूतों से जोड़ा जाता है।

2. प्रेत (Evil Spirit)

रूप: प्रेत को अदृश्य या डरावनी आकृति जैसे छाया, विकृत चेहरा, या सफेद कपड़े में लिपटी आकृति के रूप में देखा जाता है। ये रात में या श्मशान जैसे स्थानों पर दिखाई दे सकते हैं।

उत्पत्ति: प्रेत उन आत्माओं से बनते हैं, जिनका अंतिम संस्कार ठीक से नहीं हुआ या जिनकी अधूरी इच्छाएं (जैसे बदला, प्रेम, या संपत्ति) उन्हें भटकने के लिए मजबूर करती हैं।

प्रभाव: ये मनुष्यों को डराने, मानसिक अशांति, शारीरिक कमजोरी, या घर में नकारात्मकता पैदा करने के लिए जाने जाते हैं। कुछ परिवार से संपर्क करने की कोशिश करते हैं।

लक्षण: अचानक भय, बुरे सपने, अजीब आवाजें (जैसे रोना, चीखना), ठंडी हवा, या घर में वस्तुओं का असामान्य हिलना प्रेतों के प्रभाव से देखा जाता है।

3. चुड़ैल (Witch/Hag)

रूप: चुड़ैल को आमतौर पर लंबे, बिखरे बालों वाली, सफेद या काले कपड़ों में, उल्टे पैरों (एड़ी आगे, पंजे पीछे) और डरावनी आकृति के रूप में देखा जाता है। यह रात में सुनसान जगहों, जैसे श्मशान, जंगल, या खंडहरों में दिखाई देती है।

उत्पत्ति: चुड़ैल उन महिलाओं की आत्माओं से बनती है जिनकी मृत्यु प्रसव, हत्या, आत्महत्या, या अन्याय के कारण हुई हो। कुछ तांत्रिक प्रथाओं या काले जादू से भी चुड़ैल उत्पन्न होती है।

प्रभाव: चुड़ैल पुरुषों को अपनी सुंदरता से लुभाने, डराने, या नुकसान पहुंचाने (जैसे बीमारी, मानसिक अशांति) के लिए जानी जाती है। यह बच्चों या कमजोर लोगों को भी प्रभावित कर सकती है।

लक्षण: रात में अजीब आवाजें (जैसे हंसी, रोना), ठंडी हवा, किसी की उपस्थिति का आभास, या अचानक डर और बुरे सपने चुड़ैल के प्रभाव से जोड़े जाते हैं।

4. यक्ष (Nature Spirit/Demi-God)

रूप: यक्षों को सुंदर, शक्तिशाली, और अलौकिक प्राणियों के रूप में देखा जाता है। वे मानव या देवता जैसे दिख सकते हैं और अक्सर प्रकृति (जंगल, नदियां, पहाड़) से जुड़े होते हैं।

उत्पत्ति: यक्षों को ब्रह्मा के पुत्र या विश्वकर्मा से उत्पन्न माना जाता है। वे धन के देवता कुबेर के सेवक या अनुयायी हैं और हिमालय क्षेत्र में निवास करते हैं।

प्रभाव: ये दयालु या उग्र स्वभाव के हो सकते हैं लेकिन नाराज होने पर शाप या परेशानी भी दे सकते हैं। यक्षों की उपस्थिति सकारात्मक (जैसे समृद्धि, शांति) या नकारात्मक (जैसे बाधाएं, भय, तनाव) हो सकती है। यक्ष और यक्षिणी भक्तों को आध्यात्मिक और भौतिक सहायता भी दे सकते हैं।

5. राक्षस (Demon)

रूप: राक्षस क्रूर, हिंसक, अहंकारी और लालच, क्रोध और वासना जैसे नकारात्मक गुणों से प्रेरित होते हैं। इन्हें विशाल, डरावने, और शक्तिशाली प्राणियों के रूप में देखा जाता है, जिनके पास अलौकिक शक्तियां, जैसे आकार बदलने की क्षमता, हो सकती हैं।

प्रभाव: राक्षसों का प्रभाव डरावने सपने, अशांति, या हिंसक घटनाओं से जोड़ा जा सकता है।

6. मोहिनी (Seductress Spirit)

रूप: मोहिनी एक ऐसी स्त्री आत्मा या चुड़ैल को कहा जाता है जो पुरुषों को अपनी सुंदरता और जादुई शक्तियों से लुभाती है। वह अक्सर रात में सुनसान जगहों पर दिखाई देती है और लोगों को भटकाने या नुकसान पहुंचाने की कोशिश करती है। मोहिनी सुंदर, लंबे बालों वाली, और आकर्षक रूप वाली आत्मा होती है।

7. मसान (Cremation Ground Spirit)

रूप: मसान को आमतौर पर मृतकों की आत्मा या श्मशान की नकारात्मक ऊर्जा के रूप में देखा जाता है। इन्हें चुड़ैल या प्रेत के समान माना जाता है, जो रात में सक्रिय होते हैं।

उत्पत्ति: मसान उन आत्माओं से बनते हैं, जिनका अंतिम संस्कार ठीक से नहीं हुआ या जिनकी मृत्यु असामान्य (जैसे हत्या, आत्महत्या) कारणों से हुई। ये आत्माएं श्मशान में भटकती हैं।

प्रभाव: मसान को मनुष्यों को डराने, बीमार करने, या मानसिक रूप से परेशान करने वाली शक्ति के रूप में देखा जाता है। विशेष रूप से, इन्हें बच्चों या कमजोर लोगों को प्रभावित करने वाला माना जाता है।

8. बेताल (Vetal)

रूप: बेताल को एक आत्मा के रूप में चित्रित किया जाता है, जो मृत शरीर में प्रवेश करती है। यह उल्टा लटकता हुआ (जैसे पेड़ पर) या श्मशान में भटकता हुआ दिखाई देता है।

उत्पत्ति: बेताल की उत्पत्ति उन आत्माओं से जोड़ी जाती है जिनका अंतिम संस्कार अधूरा रहा या जो अकस्मात मृत्यु के कारण भटक रही हैं।

प्रभाव: बेताल को डरावना माना जाता है, लेकिन वह हमेशा नुकसान नहीं पहुंचाता। यह मनुष्यों को भटकाने, डराने, या उनकी बुद्धि की परीक्षा लेने के लिए जाना जाता है।

9. पितृ (Ancestral Spirits)

रूप: पितृ मृत पूर्वजों (जैसे माता-पिता, दादा-दादी) की आत्माएं हैं, जो सूक्ष्म रूप में मानी जाती हैं।

प्रभाव: वे परिवार की रक्षा और मार्गदर्शन कर सकते हैं। यदि पितृ नाराज हों (पितृ दोष), तो परिवार में अशांति, आर्थिक हानि, या स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। यह तब होता है जब श्राद्ध या अंतिम संस्कार के रीति-रिवाज पूरे नहीं किए जाते।

10. पिशाच (Flesh-eating Demons)

रूप: पिशाच डरावने, काले या विकृत रूप वाले होते हैं, जिनमें लाल आंखें, नुकीले दांत और भयानक चेहरा होता है। वे रात में सक्रिय होते हैं और श्मशान या सुनसान जगहों पर पाए जाते हैं।

उत्पत्ति: पिशाच उन आत्माओं से बनते हैं जिनकी मृत्यु हिंसक या असामान्य तरीके से हुई; ये तांत्रिक प्रथाओं या काले जादू से भी उत्पन्न होते हैं।

प्रभाव: पिशाच मनुष्यों को डराने, बीमार करने, या मानसिक रूप से परेशान करने के लिए जाने जाते हैं। वे रक्त चूसते हैं या मनुष्य के शरीर में प्रवेश करते हैं।

लक्षण: अचानक डर, बुरे सपने, शारीरिक कमजोरी, या घर में अजीब घटनाएं (जैसे अजीब गंध या आवाजें) पिशाच के प्रभाव से जोड़ी जा सकती हैं।

11. जिन्न (Genie/Jinn)

रूप: जिन्न अदृश्य होते हैं, लेकिन मानव, पशु, या अन्य रूप धारण कर सकते हैं। इन्हें अक्सर रहस्यमयी और शक्तिशाली माना जाता है। ये मनुष्यों और फरिश्तों से अलग हैं और स्वतंत्र इच्छा रखते हैं।

प्रभाव: जिन्न मनुष्यों को प्रभावित कर सकते हैं—अच्छे जिन्न मदद करते हैं, जबकि बुरे जिन्न (जैसे शैतान) नुकसान पहुंचा सकते हैं, जैसे डर, बीमारी, या मानसिक अशांति पैदा करना।

लक्षण: अजीब आवाजें (जैसे फुसफुसाहट, हंसी), ठंडी हवा, वस्तुओं का हिलना, बुरे सपने, या अचानक डर का अनुभव जिन्न के प्रभाव से जोड़ा जा सकता है।

 

12. शाकिनी, डाकिनी (Female Demonic/Mystical Beings)

रूप: शाकिनी और डाकिनी को सुंदर, डरावनी, या मायावी स्त्री रूप में देखा जाता है। इन्हें अक्सर लंबे बाल, तेज नाखून, और अलौकिक शक्तियों के साथ दिखाया जाता है।

उत्पत्ति: शाकिनी को मां काली या अन्य शक्ति देवियों की सहायिका माना जाता है। ये शरीर के चक्रों (विशेषकर मूलाधार चक्र) से जुड़ी होती हैं और तांत्रिक साधनाओं में महत्वपूर्ण हैं। डाकिनी मृत्यु, परिवर्तन, और आध्यात्मिक ज्ञान से जुड़ी हैं। इन्हें ज्ञान दायिनी और साधक की सहायिका माना जाता है।

प्रभाव: शाकिनी और डाकिनी सकारात्मक (आध्यात्मिक उन्नति, शक्ति प्रदान करना) या नकारात्मक (डर, मानसिक अशांति, या नुकसान) प्रभाव डाल सकती हैं, खासकर यदि तांत्रिक साधना में गलती हो। इन्हें श्मशान या सुनसान जगहों से जोड़ा जाता है, जहाँ ये मनुष्यों को प्रभावित कर सकती हैं।

लक्षण: रात में अजीब आवाजें (जैसे हंसी, चीख), ठंडी हवा, बुरे सपने, या अचानक डर का अनुभव शाकिनी-डाकिनी के प्रभाव से जोड़ा जा सकता है।

13. गंधर्व (Celestial Musicians)

रूप: गंधर्वों को अत्यंत सुंदर, युवा और आकर्षक पुरुषों के रूप में चित्रित किया जाता है, जो संगीत और नृत्य में निपुण होते हैं। इन्हें कुबेर या इंद्र के सेवक के रूप में भी वर्णित किया जाता है।

कार्य: गंधर्व संगीत, नृत्य और काव्य के प्रतीक हैं, जो स्वर्ग में देवताओं का मनोरंजन करते हैं। वे बादलों, वनों और जल से जुड़े हैं, और अक्सर अप्सराओं (स्वर्ग की नर्तकियां) के साथी होते हैं।

प्रभाव: गंधर्व मनुष्यों को प्रेम या प्रेरणा प्रदान करते हैं, लेकिन नाराज होने पर बाधा भी डाल सकते हैं। इनकी उपस्थिति सकारात्मक (जैसे प्रेरणा, सुंदर सपने) या रहस्यमयी (जैसे अचानक आकर्षण या संगीतमय अनुभव) हो सकती है। ये मनुष्यों को प्रेम के जाल में फंसाते हैं या गंधर्व विवाह (प्रेम विवाह) करने को प्रेरित करते हैं।

14. देवीदेवता (Gods and Goddesses)

रूप: देवी-देवता सुंदर, शक्तिशाली और अलौकिक रूप में देखे जाते हैं, जैसे विष्णु, शिव, दुर्गा, लक्ष्मी, या गणेश। प्रत्येक का विशिष्ट रूप, प्रतीक और शक्ति होती है।

उत्पत्ति: देवी-देवता ब्रह्मा (सृष्टिकर्ता), विष्णु (पालनकर्ता), और शिव (संहारक) जैसे त्रिदेवों से उत्पन्न या उनके अंश हैं। अन्य देवी-देवता इनके सहायक या अवतार हैं।

कार्य: ये सृष्टि, पालन और संहार के लिए जिम्मेदार हैं। ये धन (लक्ष्मी), ज्ञान (सरस्वती), बुद्धि (गणेश), या शक्ति (दुर्गा) प्रदान करते हैं। ये भक्तों को बुराई, संकट और अधर्म से बचाते हैं, तथा सुख, समृद्धि, शांति और आध्यात्मिक उन्नति प्रदान करते हैं।

प्रभाव: नाराज होने, उपेक्षा या अपमान करने पर बाधाएं भी आ सकती हैं (जैसे पाप या दोष)। किसी भक्त या तांत्रिक द्वारा इनका सही या गलत प्रयोग किया जा सकता है, जिससे अचानक डर, बुरे सपने, शारीरिक कमजोरी, या घर में अजीब घटनाएं (जैसे अजीब गंध या आवाजें) हो सकती हैं।

प्रमुख देवीदेवता: त्रिदेव: ब्रह्मा, विष्णु, शिव। त्रिदेवी: सरस्वती, लक्ष्मी, पार्वती/दुर्गा। अन्य: गणेश, हनुमान, काली, इंद्र, सूर्य।

  1. परी (Fairy)

रूप: परियों को अत्यंत सुंदर, नाजुक और आकर्षक स्त्रियों के रूप में चित्रित किया जाता है, जिनके पास पंख या जादुई शक्तियां हो सकती हैं। वे चमकदार वस्त्र या प्रकाशमय रूप में दिखाई देती हैं।

उत्पत्ति: परियां अप्सराओं (स्वर्ग की नर्तकियां) से प्रेरित हो सकती हैं। इन्हें प्रकृति की आत्माएं या जंगल, नदियों और पहाड़ों की रक्षक माना जाता है।

प्रभाव: सकारात्मक: परियां सौभाग्य, प्रेम, या रचनात्मक प्रेरणा प्रदान कर सकती हैं। वे बच्चों या शुद्ध हृदय वालों की मदद करती हैं। नकारात्मक: कुछ परियां मनुष्यों को भटकाने या जादुई प्रभाव से बांधने की कोशिश करती हैं। ये अप्सराओं, गंधर्वों, या यक्षिणियों से मिलती-जुलती हैं।

लक्षण: परियों की उपस्थिति सकारात्मक अनुभव (जैसे सुंदर सपने, शांति, या प्रेरणा) या रहस्यमयी घटनाओं (जैसे अचानक गायब होना, जादुई अनुभव) से जोड़ी जा सकती है।

16. कर्ण पिशाचिनी (Ear Whisperer Demoness)

रूप: यह एक तांत्रिक नकारात्मक स्त्री शक्ति है, जो कानों में फुसफुसाकर रहस्यमयी या भ्रामक जानकारी देती है।

प्रभाव: माना जाता है कि यह साधकों को भटकाने या गलत मार्ग पर ले जाने की कोशिश करती है, जिससे मानसिक भ्रम, गलत निर्णय, या डर पैदा हो सकता है

17. ब्रह्मराक्षस (Brahma Rakshasa)

रूप: यह एक विद्वान ब्राह्मण की आत्मा होती है, जो मृत्यु के बाद अपने पापों या अधूरी इच्छाओं (जैसे ज्ञान का दुरुपयोग) के कारण राक्षस रूप में भटकती है। यह शक्तिशाली और क्रूर मानी जाती है।

प्रभाव: यह बुद्धिजन या धार्मिक लोगों को परेशान करती है, जैसे यज्ञ बाधित करना या मानसिक अशांति पैदा करना।

18. खेचर/खेचरी (Sky Roaming Spirits)

रूप: ये आकाश में विचरण करने वाली नकारात्मक आत्माएं या तांत्रिक शक्तियां हैं, जो तांत्रिक साधनाओं से उत्पन्न हो सकती हैं। इन्हें चुड़ैल या डाकिनी से मिलता-जुलता माना जाता है।

प्रभाव: रात में डरावने अनुभव, जैसे आकाश में छायाएं या अजीब आवाजें इनके प्रभाव से जुड़ी हैं।

19. वेतालिका (Female Vetal)

रूप: वेतालिका एक स्त्री प्रेत या आत्मा होती है, जो बेताल से संबंधित है और श्मशान या सुनसान जगहों पर भटकती है। यह अक्सर तांत्रिक प्रथाओं से जुड़ी होती है।

प्रभाव: मानसिक भटकाव, डर, या शारीरिक कमजोरी इनके कारण हो सकती है।

20. निशाचर/निशाचरी (Night Creatures)

रूप: ये रात में सक्रिय होने वाली नकारात्मक आत्माएं या प्राणी हैं, जो मनुष्यों को डराने या नुकसान पहुंचाने के लिए जाने जाते हैं। इन्हें राक्षसों की श्रेणी में रखा जाता है।

लक्षण: रात में अजीब अनुभव, जैसे छायाएं, ठंडी हवा, या बुरे सपने इनके प्रभाव से जुड़े हैं।

21. प्रेतबाधा (General Spirit Affliction)

रूप: यह किसी विशिष्ट आत्मा का प्रभाव है, जो परिवार या व्यक्ति पर पड़ता है, जैसे किसी मृत रिश्तेदार की आत्मा जो शांति न मिलने के कारण परेशान करती है।

प्रभाव: पारिवारिक अशांति, आर्थिक हानि, या स्वास्थ्य समस्याएं इसका परिणाम हो सकती हैं।

22. छाया पुरुष (Shadow Man)

रूप: यह एक रहस्यमयी छाया जैसी आकृति है, जो कुछ क्षेत्रीय लोककथाओं में वर्णित है। इसे प्रेत या नकारात्मक ऊर्जा का रूप माना जाता है, जो रात में दिखाई देती है।

प्रभाव: डर, नींद में गड़बड़ी, या मानसिक अशांति इसके लक्षण हैं।

23. काला जादू या तांत्रिक प्रभाव (Black Magic/Tantric Influence)

रूप: यह किसी व्यक्ति द्वारा जानबूझकर किया गया नकारात्मक तांत्रिक कर्म है, जो दूसरों को नुकसान पहुंचाने के लिए आत्माओं या शक्तियों का उपयोग करता है। इसे “बुरी नजर” या “टोना-टोटका” से भी जोड़ा जाता है।

प्रभाव: अचानक बीमारी, आर्थिक हानि, या पारिवारिक कलह इसका परिणाम हो सकती है।

24. मातृका/मातरिका (Maternal Spirits/Demons)

रूप: ये तांत्रिक नकारात्मक स्त्री शक्तियां हैं, जो मृत बच्चों की माताओं की आत्माएं या तांत्रिक प्रथाओं से उत्पन्न हो सकती हैं। इन्हें श्मशान या गलियों में भटकने वाली माना जाता है।

प्रभाव: बच्चों को बीमार करना, गर्भवती महिलाओं को परेशान करना, या रात में डर पैदा करना इनका प्रभाव हो सकता है।

25. रुह/रूहानी शक्ति (Muslim Spirits)

रूप: रुह उन मुस्लिम आत्माओं को कहा जाता है, जो मृत्यु के बाद भटकती हैं और नकारात्मक प्रभाव डाल सकती हैं। ये जिन्न से मिलती-जुलती हैं, लेकिन कम शक्तिशाली होती हैं।

प्रभाव: अचानक डर, नींद में गड़बड़ी, या घर में अशांति इनके लक्षण हैं।

26. पनियारा (Water Spirit)

रूप: यह एक नकारात्मक आत्मा है, जो पानी (नदियों, कुओं, तालाबों) से जुड़ी होती है। इसे डूबने वाली आत्मा या चुड़ैल का रूप माना जाता है।

प्रभाव: पानी के पास लोगों को भटकाना, डराना, या डूबने का खतरा पैदा करना इनका प्रभाव हो सकता है।

27. भैरु/भैरवी (Bhairava/Bhairavi’s Associates)

रूप: ये तांत्रिक परंपराओं में भैरव या काली की नकारात्मक या क्रूर सहायक शक्तियां हैं, जो गलत तांत्रिक साधनाओं से उत्पन्न हो सकती हैं। इन्हें श्मशान या तांत्रिक स्थलों से जोड़ा जाता है।

प्रभाव: मानसिक अशांति, डर, या तांत्रिक कर्मों में रुकावट इनका प्रभाव हो सकता है।

28. कन्या प्रेत/कुमारी प्रेत (Unmarried Girl Spirits)

रूप: यह अविवाहित युवा लड़कियों की आत्माएं हैं, जो असामयिक मृत्यु (जैसे आत्महत्या, हत्या) के कारण भटकती हैं। इन्हें चुड़ैल से कम खतरनाक लेकिन परेशान करने वाला माना जाता है।

प्रभाव: रात में रोने की आवाज, बच्चों या युवाओं को डराना इनका प्रभाव हो सकता है।

29. डायन (Witch/Sorceress)

रूप: डायन एक ऐसी स्त्री आत्मा या जीवित व्यक्ति मानी जाती है, जो काले जादू या तंत्र का उपयोग करके दूसरों को नुकसान पहुंचाती है।

प्रभाव: बीमारी, आर्थिक हानि, या पारिवारिक अशांति इनका प्रभाव हो सकता है।

30. आकाशी/आकाश प्रेत (Sky Spirits)

रूप: ये उन आत्माओं को कहा जाता है, जो आकाश में भटकती हैं और रात में दिखाई दे सकती हैं। इन्हें खेचर से मिलता-जुलता माना जाता है।

प्रभाव: रात में छायाएं, अजीब रोशनी, या डरावने अनुभव इनके प्रभाव से जुड़े हैं।

31. योगनियाँ (Yoginis)

रूप: योगिनी को सुंदर, शक्तिशाली, और कभी-कभी डरावनी स्त्री रूप में देखा जाता है। इन्हें तांत्रिक मंदिरों में विभिन्न रूपों (जैसे नृत्य करती, हथियार लिए, या ध्यानमग्न) में दर्शाया जाता है।

उत्पत्ति: तांत्रिक ग्रंथों के अनुसार, योगिनी मां दुर्गा या काली की शक्तियों का अंश हैं, जो सृष्टि, संरक्षण, और संहार से जुड़ी हैं। ये 64 योगिनियों के समूह के रूप में प्रसिद्ध हैं।

  • प्रभाव:सकारात्मक: योगिनी साधकों को तांत्रिक सिद्धियां, आध्यात्मिक ज्ञान, और शक्ति प्रदान करती हैं। ये साधना में सहायता करती हैं। नकारात्मक: यदि अपमानित हों या गलत साधना की जाए, तो योगिनी मानसिक अशांति, भय, या तांत्रिक बाधाएं पैदा कर सकती हैं।

लक्षण: योगिनी की उपस्थिति सकारात्मक (जैसे प्रेरणा, शक्ति, ध्यान में गहराई) या नकारात्मक (जैसे डर, बुरे सपने, अजीब अनुभव) रूप में अनुभव हो सकती है।

यह जानकारी आपको नकारात्मक ऊर्जाओं और आत्माओं के विभिन्न पहलुओं को समझने में मदद करेगी। यदि आपको इनमें से किसी भी प्रकार का प्रभाव महसूस होता है,

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नकारात्मक ऊर्जा या आत्मा व भूत-प्रेत के प्रभाव में आने या “लगने” के कुछ कारण जो नकारात्मक ऊर्जा या आत्मा भूत प्रेत के प्रभाव को आकर्षित कर सकते हैं। 

क्या आप नकारात्मक ऊर्जा या आत्माओं के प्रभाव में हैं? जानें इसके कारण!

क्या आपको लगता है कि कोई अदृश्य शक्ति आपके जीवन को प्रभावित कर रही है? नकारात्मक ऊर्जा या आत्माओं का “लगना” कोई मनगढ़ंत बात नहीं है, बल्कि इसके पीछे कुछ विशिष्ट कारण हो सकते हैं। आइए जानते हैं ऐसे कौन से कारक हैं जो आपको इन शक्तियों के प्रति संवेदनशील बना सकते हैं:

1. अधूरी इच्छाएं या कामनाएं

माना जाता है कि जिन लोगों की मृत्यु अचानक होती है (जैसे दुर्घटना, आत्महत्या या हत्या), उनकी आत्माएं अपनी अधूरी इच्छाओं (जैसे परिवार से मिलना, बदला लेना, या कोई कार्य पूरा करना) के कारण भटकती हैं। वे इन इच्छाओं को पूरा करने के लिए जीवित मनुष्यों से संपर्क करती हैं। कोई आत्मा अपने परिवार की रक्षा या कोई संदेश देने के लिए भी किसी व्यक्ति से जुड़ सकती है।

2. नकारात्मक भावनाएं या बदला

आत्माएं क्रोध, ईर्ष्या, या बदले की भावना के कारण मनुष्यों को परेशान कर सकती हैं। यह तब हो सकता है जब किसी व्यक्ति ने अनजाने में या जानबूझकर उस आत्मा को नाराज किया हो, जैसे किसी पवित्र या महत्वपूर्ण स्थान का अनादर करना (श्मशान, पुराना घर, या किसी खास जगह पर अनुचित व्यवहार करना)।

3. नकारात्मक ऊर्जा वाले स्थान पर जाना

सुनसान, पुराने, या परित्यक्त स्थानों (जैसे पुराने घर, कब्रिस्तान, श्मशान, खंडहर, या ऐसी जगहें जहाँ हिंसक मृत्यु हुई हो) पर जाने से नकारात्मक ऊर्जा या आत्माएं आकर्षित हो सकती हैं। ऐसी जगहें जहाँ किसी की अकाल मृत्यु हुई हो या जहाँ नकारात्मक घटनाएं हुई हों, वहाँ जाना खतरनाक हो सकता है।

4. आध्यात्मिक कमजोरी

कमजोर मानसिक स्थिति, जैसे अत्यधिक भय, तनाव, चिंता, या अवसाद, आपकी आध्यात्मिक ऊर्जा को कमजोर कर सकती है, जिससे आप इन शक्तियों के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाते हैं। धार्मिक या आध्यात्मिक सुरक्षा (जैसे मंत्र, ताबीज, या पूजा-पाठ) का अभाव भी एक कारण हो सकता है।

5. जादूटोना या तंत्रमंत्र

कुछ लोग काला जादू, तंत्रमंत्र, या बुरी नजर के जरिए नकारात्मक शक्तियों को किसी व्यक्ति पर भेज सकते हैं। कोई शत्रु या ईर्ष्यालु व्यक्ति इन माध्यमों से आपको आत्माओं या नकारात्मक ऊर्जाओं से जोड़ सकता है।

6. अनजाने में गलत कार्य करना

किसी आत्मा को अनजाने में नाराज करना, जैसे किसी पवित्र स्थान का अनादर करना, या ऐसी वस्तुओं को छूना जो नकारात्मक ऊर्जा से जुड़ी हों, परेशानी का कारण बन सकता है। रात में कुछ खास कार्य करना, जैसे श्मशान के पास जाना, दर्पण में बार-बार देखना, या कुछ खास मंत्रों का गलत उच्चारण करना भी जोखिम भरा हो सकता है।

7. कर्म और पिछले जन्मों का प्रभाव

पिछले जन्मों के कर्म या अधूरी इच्छाएं या रिश्ते आत्माओं को किसी व्यक्ति से जोड़ सकते हैं। वर्तमान जीवन में किए गए पाप (जैसे हिंसा, धोखा) भी भूत-प्रेत के प्रभाव को आकर्षित कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, कोई आत्मा पिछले जन्म का रिश्तेदार या शत्रु हो सकती है।

8. पितृ दोष या पूर्वजों की नाराजगी

यदि पूर्वजों की आत्मा को शांति न मिली हो (जैसे श्राद्ध न करना), तो वे प्रेत रूप में परिवार को प्रभावित कर सकती हैं। इसे “पितृ दोष” के रूप में भी जाना जाता है, जहाँ पूर्वजों की आत्माएं शांति न मिलने के कारण वंशजों से जुड़ती हैं।

9. विशिष्ट समय और परिस्थितियां

सुनसान या नकारात्मक ऊर्जा वाले स्थान, रात का समय, विशेष रूप से अमावस्या, ग्रहण, या मध्यरात्रि, जब माना जाता है कि नकारात्मक शक्तियां अधिक सक्रिय होती हैं, तब आत्माएं मनुष्यों से संपर्क करने की कोशिश करती हैं। अकेले रहना या ऐसी जगहों पर जाना जहाँ कोई सुरक्षा (धार्मिक या सामाजिक) न हो, जोखिम बढ़ा सकता है।

10. विशिष्ट स्थान, वस्तुओं या व्यक्तियों से प्रभाव

कुछ स्थान (जैसे श्मशान, कब्रिस्तान, या परित्यक्त घर) या पुरानी या प्रेतबाधित वस्तुएं (जैसे पुराने गहने, मूर्तियां, या कपड़े) नकारात्मक ऊर्जा से जुड़ी हो सकती हैं। इनके संपर्क में आने या घर में लाने से आत्माएं मनुष्य से संबंध बना सकती हैं। किसी प्रभावित व्यक्ति के संपर्क में आने से भी नकारात्मक ऊर्जा का स्थानांतरण हो सकता है।

11. आकर्षण या अनजाने में बुलाना

आत्माएं उन लोगों की ओर आकर्षित होती हैं जो उनकी उपस्थिति को महसूस करते हैं या उनके बारे में बार-बार सोचते हैं। डर या जिज्ञासा से भूतप्रेत के बारे में बात करना भी उन्हें आकर्षित कर सकता है। तांत्रिक क्रियाएं, जैसे प्लांचेट या आत्मा बुलाने की कोशिश, भी आत्माओं को बुला सकती हैं।

12. तांत्रिकों द्वारा किया गया कर्म

कुछ तांत्रिक या भक्त किसी व्यक्ति को ठीक करने के लिए “उतरा” (नकारात्मक ऊर्जा को हटाने की विधि) करके चौराहे आदि जगहों पर रख देते हैं। किसी का उस पर पैर पड़ जाने या उस पर नजर जाने से, या उसके बारे में सोचने से वह शक्ति प्रभाव दिखाने लगती है या साथ लग जाती है।

13. अनजाने में जुड़ जाना

किसी व्यक्ति से ऊर्जा आपके साथ जुड़ सकती है यदि आप उस पर दया दिखाते हैं या उसके संपर्क में आते हैं। कई बार रात 12 बजे के बाद खुशबूदार इत्र या मेकअप लगाकर कोई चौराहे से, पीपल या बरगद के पेड़ के नीचे से, मंदिर, श्मशान, या सुनसान जगह (जैसे बाग) से गुजरता है, तो अतृप्त आत्माएं जुड़ जाती हैं और अपना प्रभाव दिखाने लगती हैं।

14. अंतिम संस्कार का अभाव या अपूर्णता

यदि मृतक का अंतिम संस्कार (जैसे हिंदू रीति से दाह-संस्कार या इस्लामिक रीति से दफन) ठीक से न हुआ हो, तो माना जाता है कि उनकी आत्मा प्रेत बनकर भटकती है और दूसरों को परेशान कर सकती है।

15. पवित्र स्थानों का अपमान

मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा, कब्रिस्तान, या अन्य पवित्र स्थानों का अनादर करना (जैसे वहां गंदगी करना, अपशब्द बोलना, या अनुचित व्यवहार करना) भूत-प्रेत या नकारात्मक शक्तियों को आकर्षित कर सकता है। किसी श्मशान या मंदिर के पास अनजाने में अपमानजनक कार्य करना, जैसे पवित्र पेड़ काटना या मूर्ति को नुकसान पहुंचाना, भी इसका कारण बन सकता है।

16. शाप या बददुआ

किसी व्यक्ति (विशेषकर मृत आत्मा, संत, या तांत्रिक) द्वारा दी गई बददुआ या शाप के कारण भूत-प्रेत का प्रभाव पड़ सकता है। यह तब होता है जब कोई गलती से या जानबूझकर किसी का दिल दुखाता है, जैसे किसी गरीब, विधवा, या संन्यासी को अपमानित करना।

17. नकारात्मक ऊर्जा का संचय

घर में लंबे समय तक नकारात्मक भावनाएं (जैसे गुस्सा, ईर्ष्या, या घृणा) या अनैतिक गतिविधियां (जैसे हिंसा, चोरी) भूत-प्रेत को आकर्षित कर सकती हैं। परिवार में लगातार झगड़े या अनैतिक कार्यों का माहौल भी इसका कारण बन सकता है।

18. जादुई या तांत्रिक वस्तुओं का उपयोग

अनजाने में तांत्रिक वस्तुओं (जैसे यंत्र, मंत्र-लिखित वस्तु, या शापित गहने) को घर लाना या उनका गलत उपयोग करना भूत-प्रेत के प्रभाव को आमंत्रित कर सकता है। किसी पुराने घर से मिली अज्ञात वस्तु को बिना जांच के घर में रखना भी जोखिम भरा हो सकता है।

19. प्राकृतिक आपदाओं या दुखद घटनाओं का प्रभाव

ऐसी जगहें जहाँ प्राकृतिक आपदा (जैसे बाढ़, भूकंप) या सामूहिक मृत्यु (जैसे युद्ध, हादसा) हुई हो, वहाँ भूत-प्रेत की ऊर्जा अधिक सक्रिय मानी जाती है। किसी युद्ध क्षेत्र या प्राकृतिक आपदा स्थल पर जाना भी प्रभावित कर सकता है।

20. ज्योतिषीय ग्रह दोष

ज्योतिष के अनुसार, राहु, केतु, या शनि जैसे ग्रहों का अशुभ प्रभाव व्यक्ति को भूत-प्रेत की शक्तियों के प्रति संवेदनशील बना सकता है। इसे “प्रेत बाधा दोष” कहा जाता है। कुंडली में राहु-केतु की महादशा के दौरान अजीब अनुभव होना इसका एक संकेत हो सकता है।

21. संस्कारों का उल्लंघन

परिवार में पारंपरिक संस्कारों (जैसे विवाह, जन्म, या मृत्यु से संबंधित रीति-रिवाज) का पालन न करना भूत-प्रेत को आकर्षित कर सकता है, खासकर यदि ये पूर्वजों से जुड़े हों। मृत्यु के बाद 13वें दिन का संस्कार न करना या पितृ पक्ष में तर्पण न करना इसके उदाहरण हैं।

22. सपनों में बारबार मृत व्यक्ति का दिखना

यदि कोई मृत व्यक्ति बारबार सपनों में दिखाई दे या संदेश दे, तो माना जाता है कि उनकी आत्मा शांति के लिए कुछ मांग रही है, जिसके कारण प्रेत प्रभाव हो सकता है। किसी मृत रिश्तेदार का सपने में बार-बार आना और परेशान करना इसका एक सामान्य संकेत है।

23. प्रेतबाधित अनजान व्यक्तियों से संपर्क

किसी अनजान व्यक्ति (जो तांत्रिक या नकारात्मक शक्ति से प्रभावित हो) से भोजन, पानी, या वस्तु लेना भूत-प्रेत के प्रभाव को आमंत्रित कर सकता है। किसी अज्ञात व्यक्ति से प्रसाद या वस्तु स्वीकार करना, या उनके कपड़े, सामान का उपयोग करना जो तांत्रिक प्रभाव से युक्त हो, जोखिम भरा हो सकता है।

24. प्रकृति का अपमान

पवित्र नदियों, तालाबों, या वृक्षों (जैसे पीपल, बरगद) का अपमान करना या उन्हें नुकसान पहुंचाना भूत-प्रेत या अन्य नकारात्मक शक्तियों को आकर्षित कर सकता है। पवित्र पीपल के पेड़ के नीचे गंदगी करना या उसे काटना इसका एक उदाहरण है।

25. अनजाने में पवित्र नियमों का उल्लंघन

धार्मिक या सांस्कृतिक नियमों (जैसे व्रत, मंदिर में शुद्धता, या पूजा के नियम) का अनजाने में उल्लंघन करने से भूत-प्रेत या नकारात्मक शक्तियां आकर्षित हो सकती हैं। मंदिर में बिना स्नान किए प्रवेश करना, पूजा के दौरान गलत मंत्र उच्चारण, या पवित्र समय (जैसे ग्रहण) में भोजन करना इसके उदाहरण हैं।

26. नकारात्मक तांत्रिक साधना का प्रभाव

यदि कोई व्यक्ति तांत्रिक साधना करता है और गलत विधि या इरादे से साधना करता है, तो यह भूत-प्रेत, शाकिनी, या अन्य नकारात्मक शक्तियों को आकर्षित कर सकता है। अज्ञानता में श्मशान में तांत्रिक अनुष्ठान करना या गलत मंत्र जाप करना इसका एक उदाहरण है।

27. जन्मजात दोष या पारिवारिक श्राप

कुछ परिवारों में पीढ़ीदरपीढ़ी चला आ रहा श्राप (जैसे किसी पूर्वज का अनैतिक कार्य) भूत-प्रेत के प्रभाव को बढ़ा सकता है। परिवार में लगातार अचानक मृत्यु या अशांति, जो श्राप से जोड़ी जाती है, इसका एक संकेत है।

28. नकारात्मक ऊर्जा वाले भोजन का सेवन

ऐसी जगहों पर भोजन करना जहाँ नकारात्मक ऊर्जा हो (जैसे श्मशान के पास या अपवित्र स्थान) या किसी प्रभावित व्यक्ति से भोजन लेना भूत-प्रेत को आकर्षित कर सकता है।

29. विशिष्ट वस्त्र या रंगों का प्रभाव

काले या लाल रंग के वस्त्र पहनना (खासकर रात में सुनसान जगहों पर) भूत-प्रेत को आकर्षित कर सकता है, क्योंकि ये रंग उनकी ऊर्जा से जुड़े माने जाते हैं।

30. बुरी संगति या नकारात्मक प्रभाव

ऐसे लोगों के साथ समय बिताना जो अंधविश्वास, भय, या नकारात्मक गतिविधियों में लिप्त हों, व्यक्ति को भूत-प्रेत के प्रभाव के प्रति संवेदनशील बना सकता है। ऐसे दोस्तों के साथ रहना जो भूत-प्रेत या तांत्रिक गतिविधियों में लगे रहते हों, इसका एक उदाहरण है।

यदि आप इनमें से किसी भी कारण से प्रभावित महसूस करते हैं या आपको लगता है कि आपके ऊपर नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव है,

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